
भ्रष्टाचार का पर्दाफाश: कृषि उत्पन्न बाजार समिति के संचालक धनलाल ठाकरे निष्कासित!

गोंदिया | विशेष संवाददाता
गोंदिया की कृषि उत्पन्न बाजार समिति में करोड़ों के भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है, जिसके चलते पूर्व उपसभापति और वर्तमान संचालक श्री धनलाल ठाकरे को उनके पद से निष्कासित कर दिया गया है। यह कार्रवाई जिला उपनिबंधक सहकारी संस्था, श्री प्रशांत सोनारकर के आदेशानुसार की गई।
*34 फर्जी नियुक्तियाँ, करोड़ों का नुकसान*
जांच में पाया गया कि श्री ठाकरे ने अपने कार्यकाल में नियमों को ताक पर रखकर 34 अस्थायी कर्मचारियों की फर्जी नियुक्ति की। यही नहीं, पहले उन्हें पाँचवीं और फिर छठी वेतनश्रेणी लागू कर दी, जिससे समिति को कुल 3 करोड़ 82 लाख 64 हजार 135 रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ।
*पद का दुरुपयोग और शासन को गुमराह करने का आरोप*
जिला उपनिबंधक द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया कि श्री ठाकरे ने अपने पद का गंभीर दुरुपयोग किया और शासन को गुमराह करते हुए अनियमित नियुक्तियाँ की। यह पूरी प्रक्रिया न केवल नियमों के खिलाफ थी, बल्कि समिति के वित्तीय संतुलन को भी बुरी तरह प्रभावित किया।
*भ्रष्टाचार के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई, जब्ती और वसूली की तैयारी*
प्रशासन अब इस घोटाले में जब्ती और वसूली की कार्रवाई की भी तैयारी कर रहा है। अधिकारियों का कहना है कि भ्रष्टाचार से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति पर उचित कानूनी कदम उठाए जाएंगे ताकि भविष्य में इस तरह की धांधली न दोहराई जा सके।
*जनता ने बदलाव किया, घोटाले उजागर हुए*
गौरतलब है कि दो वर्ष पूर्व हुए कृषि उत्पन्न बाजार समिति के चुनाव में जनता ने पूर्व संचालक मंडल की भ्रष्ट गतिविधियों से त्रस्त होकर तख्तापलट किया था। नए संचालक मंडल के कार्यकाल में लगातार पुराने घोटालों की जांच करवाई जा रही है और इसी क्रम में यह बड़ा खुलासा हुआ।
*आगे क्या?*
प्रशासन का कहना है कि यह सिर्फ शुरुआत है और भविष्य में और भी घोटाले उजागर हो सकते हैं। अब देखना यह होगा कि अधिकारियों द्वारा दोषियों पर किस तरह की सख्त कार्रवाई की जाती है और कितनी जल्दी जनता को न्याय मिलता है।
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