
जे.एस.डब्ल्यू.आंदोलन.बनी सहमति. क़पनी प्रबंधन ने आंदोलनकारियों की मांगे मानी, 22 अगस्त तक दिया अल्टीमेटम…लैंडलूजर को मिलेगी कंपनी में पक्की नौकरी, त्रिपक्षीय वार्ता मे बनी सहमति, भाजपा और कांग्रेस मिला साथ..वादा पूरा करने क़पनी पर पूर्ण दबाव.प्रशासन का रहा पुरा सहयोग!

जिला प्रतिनिधि :- BTiger Chouhan
रायगढ़:- JSW कंपनी ग्राम नहरपाली,तहसिल खरसिया जिला रायगढ़ छतीसगढ़, में लै़डलूजरों एवं स्थानीय मजदुरों स्थानीय बेरोजगारों एवं ग्रामीणो द्वारा नौकरी की मांग को लेकर किये जा रहे आंदोलन का सुखद पटाक्षेप प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के हस्तक्षेप के बाद हो गया । 22 अगस्त तक मांगो को पुरा करने की कंपनी प्रबंधन ने अपनी सहमति दे दी है।बता दे खरसिया विकासखंड मे नहरपाली मे स्थित जेएसडबृल्यूस्टील कंपनी के पूर्व मोनेट कंपनी स्थापना के लिये 2004 और 2012 में दो चरणो के तहत किसानो के जमिनो का अधिग्रहण किया था! अधिग्रहण करते समय आदर्स पुनर्वास का पालन और भूस्वमियों को कंपनी मे पक्की नौकरी देने की घोषणा की गयी थी ।इस लगभग पचास प्रतिशत लोगो को रोजगार तो उपलब्ध करा दी गयी , लेकिन पचास फिसदी लोगो के अधिकार को एक तरह से नजर अंदाज कर दिया गया था ।अपने अधिकार से वंचित लोग हडताल प्रदर्सन करते रहे ,मगर प्रभावितो को उनका हक नही मिल पाया ।वर्ष 2023 के बाद जेएसडब्ल्यू स्टील जैसी बड़ी कंपनी ने फेक्ट्री को टैक ओवर किया।तब उम्मीद जगी की अब क्षेत्र के विकास के साथ ही प्रभावितों को रोजगार असानी से उपलब्ध होगा ।लेकिन स्टील निर्माण मे अग्रणी भुमिका निभाने वाली इस कंपनी का रवैया भी कारपोरेट जगत की अन्य कंपनियों की तरह ही रहा।ऐसे मे जमीन दे चुके लोगों के पास आंदोलन के सिवा अन्य कोई विकल्प नही था।
ट्रस्ट भरोषा की वादाखिलाफी
जून महिने की अंतिम सप्ताह मे अधिकार से वंचित भूस्वामियों ने काम रोको आंदोलन किया था ।जिसमे कपनी प्रबंधन द्वारा प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद 31 जुलाई तक प्रभावितो को नोकरी देने की बात कही गयी थी।लेकिन तय मियाद निकल जाने के बाद भी प्रभावितों को न तो नौकरी मिली और न ही उनके अधिकारो की रक्षा को लेकर किसी प्रकार की पहल की गयी ।कंपनी की इस वादा खिलाफी के बाद प्रभावित ग्रामीण आक्रोसित हो गये। अब उनके पास आंदोलन के शिवाय और कोई चारा नही बचा था ।
अब मिली 22 अगस्त तक का अल्टीमेटम ..
जेएसडब्ल्यू क़पनी प्रबंधन द्वारा इस बार पात्र और अपात्र का शिगुफा छोड़ा गया है।अब तक 131 लैडलूजर की सुचि बनी है।जिन्होने बकायदा अपने कागजात कंपनी के पास जमा किया है ।इनमे से पहले तो 32 लोगो को ही नौकरी देने की बात हुई।लेकिन सहमति न बनने और प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद 22अगस्त तक प्रभावितो के मांगो को हर हाल मे पूरा करने की बात प्रबंधन ने लिखित मे दी है।बहरहाल 22तारिख तक दिये गये अल्टीमेटम के बाद भले ही आंदोलन अस्थाई तौर पर वापस ले लिया गया है । यदि इस बार भी कंपनी वादा खिलाफी करती है तो आक्रोसित ग्रामीणो का रवैया आने वाले दिनो में बेहद खतरनाक हो सकता है ।
मिला कांग्रेस और भाजपा दोनो का साथ
क्षेत्रीय विधायक उमेश पटेल और जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि रविंद्र गबेल ने आंदोलन कारियों को अपना समर्थन दिया ।बकायदा उन्होने धरनामंच पर आकर हर मोर्चे पर सहयोग देने का ऐलान किया । बहरहाल भाजपा और कांग्रेस के समर्थन के बाद वायदा पुरा करने का काफी दबाव कंपनी पर बढ़ गया है।
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