देश के दुश्मनों को बीच चौराहे पर दे फांसी की सजा :जुबेर खान! सकल हिंदू समाज व मुस्लिम समाज द्वारा श्रद्धांजलि!

जिला प्रतिनिधि, गोंदिया

गोंदिया:- कश्मीर के पहलगाम शहर के निकट मिनी स्विट्ज़रलैंड के नाम से मशहूर पर्यटन स्थल बैसरन में मंगलवार को दोपहर 2.30 बजे के दरमियान हुए हमले में 26 से ज्यादा लोगों को आतंकियों द्वारा बेरहमी से बेगुनाह पर्यटकों को मौत के घाट उतार दिया गया ,जिसमें मरने वाले पर्यटक में हिंदू मुस्लिम और भी मजहब के लोग थे मगर यह घटना ने पूरे मानवता को शर्मसार कर दिया इससे यह साबित होता है कि आतंकवादियों का कोई मजहब कोई धर्म नहीं होता ,वह एक दरिंदे होते हैं वह इंसानियत के दुश्मन होते हैं सिर्फ जान लेना जानते हैं ऐसे आतंकवादियों के लिए इस देश में कोई जगह नहीं ,ऐसे आतंकवादियों को जेल में रखकर अपना मेहमान बनाकर बिरयानी खिलाने की कोई जरूरत नहीं है

ऐसे आतंकवादीयो को बीच चौराहे पर फांसी दे देनी चाहिए ,इन आतंकवादियों के वजह से हमारे भारत देश में शोक का माहौल बना हुआ है पुरा देश रो रहा है कहीं परिवार उजड़ गये ,मृतकों के प्रति हम संवेदना व्यक्त करते हैं ऐसे आतंकीय हमले की मुस्लिम समाज कडे शब्दों में निंदा करता है सकल हिंदू समाज व मुस्लिम समाज द्वारा श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसमें दोनों समाज द्वारा मोमबत्ती जलाकर एकता का प्रतीक दिया .और मृतको को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की ,और दोनों समाज ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगा कर अपना गुस्सा फुका , और उनकी आत्माओं को शांति मिले ऐसी कामना कि ,ऐसे आतंकी हमले का हम निषेध करते हैं कड़े शब्दों में घोर निंदा करते हैं और सरकार से निवेदन करते हैं जल्द से जल्द आतंकवादियों को बीच चौराहे में फांसी पर लटकाया जाये,और मृतको के साथ इंसाफ किया जाये ,

**सैय्यद आदिल हुसैन को मिले शहिद का दर्जा* : सैय्यद आदिल हुसैन शाह पर्यटकों को टट्टू की सवारी करवाता था मंगलवार को भी रोज की तरह वह पर्यटकों को घुमा रहा था तभी आतंकियों ने गोली बारि शुरू कर दी, सैय्यद आदिल ने अपने साथ वाले पर्यटक को बचाने की कोशिश की और आतंकियों से भिड़ गया ,प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक सैय्यद आदिल ने आतंकियों से कहा कि इन्हें मत मारो ,यह कश्मीर के मेहमान है यह मासूम है मगर आतंकी नहीं माने फिर सैय्यद आदिल ने हथियार छिन्ने की कोशिश की लेकिन नाकामयाब रहा और आतंकियों ने उसे गोली मार दी , सैय्यद आदिल ने वही दम तोड़ दिया ,पर्यटकों को बचाते बचाते सैय्यद आदिल खुद शहीद हो गया ,उन्होंने अपनी जान की फिक्र ना करते हुए दूसरों की जान बचाई ,और खुद मौत को गले लगा लिया ,इसीलिए सैय्यद आदिल हुसैन को शहीद का दर्जा देना चाहिए यह मुस्लिम समाज द्वारा अपील की गई है और सरकार द्वारा उन्हें ज्यादा से ज्यादा आर्थिक मदद मिलनी चाहिए।

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