
छतीसगढ़ में “गोधाम योजना”की शुरुआत पशुधन संरक्षण और ग्रामीण अर्थ ब्यवस्था को मिलेगा संबल!

जिला प्रतिनिधि, रायगढ़
छतीसगढ़ सरकार ग्रामीण अर्थब्यवस्था को सशक्त करने और और पशुधन संरक्षण को नयी दिशा देने के लिये “गौधाम योजना “शुरु कर रही है।यह योजना पशुधन की सुरक्षा ,नस्ल सुधार,जैविक खेती ,चारा विकास और गौ-आधारित उद्योगों को बढ़ावा देगी।
विस्तार
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छतीसगढ़ सरकार ग्रामीण अर्थ ब्यवस्था को सशक्त करने और पशुधन संरक्षण को नयी दिशा देने के लिये गौ-धाम योजना शुरु कर रही है ।यह योजना पशुधन की सुरक्षा ,नस्ल सुधार ,जैविक खेती,चारा विकास,और आधारित उद्योगो को बढ़ावा देगी ।इसके तहत निराश्रित और घुमंतु गौवंशीय पशुओं की देखभाल के साथ चरवाहों व गौसेवकों को नियमित आय का साधन मिलेगा।
योजना मे अवैध तस्करी और घुमंतु पशुओं की तस्करी पर विशेष जोर होगा ।हर गौधाम मे अधिकतम 200 पशु रखे जा सकेंगे ।चरवाहों को 10,916 रुपये और गौसेवकों को 13,126 रुपये मासिक मानदेय मिलेगा । चारे के लिये प्रतिदिन निर्धारित राशि दी जायेगी और उत्कृष्ट गौधान को पशुओं की स़ख्या के अधार पर पहले वर्ष 10 रुपये से चौथे वर्ष तक 35 रुपये प्रति पशु प्रतिदिन सहायता मिलेगी।
गौधाम चयन के लिये सुरक्षित शासकीय भूमि,पानी,बिजली,और शेड की सुविधा जरुरी होगी ।संचालन मे पंजिकृत गौशालाओं ,स्वयंसेवी संस्थाओं,एनजीओ, ट्रस्ट ,किसान उत्पादक कंपनीयों और सहकारी समितियों को प्राथमिकता दी जायेगी।पहले चरण मे राष्ट्रीय राजमार्गों के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों मे गौधाम स्थापित होंगे।
योजना के तहत गोबर खरीदी नही होगी ,लेकिन चारा विकास को बढ़ावा मिलेगा – एक एकड़ के लिये 47,000 रुपये और पांच एकड़ के लिये 2,8त,000 रुपये की सहायता दी जायेगी। प्रत्येक गोधाम को प्रशिक्षण केंद्र के रुप मे विकसित किया जायेगा ,जहां ग्रामीणो को गौ-उत्पाद जैसे केचुआ खाद ,कीट नियंत्रक ,गौ काष्ठ गोनोईल ,दीया,दंतमंजन,अगरबत्ती आदि बनाने का प्रशिक्षण और विपणन की सुविधा मिलेगी ।
मुख्य मंत्री ने कहा की गौधाम योजना से पशुओं की सुरक्षा सुनिस्चित होगी ,नस्लसुधार को बढ़ावा मिलेगा और ग्राम स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे ,जिसमे गांवों की अर्थ ब्यवस्था मजबूत होगी ।
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