गृह मंत्री अमित शाह का राज्य सभा में दिया गया बयान घटिया मानसिकता का परिचायक- अधिवक्ता **अमित सुरेश वैध ** बीजेपी और कांग्रेस सहित तमाम संसद सदस्य भारतीय संविधान का प्रयोग करे भारत के स्थान पर हिंदुस्तान शब्दों का नहीं
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जिला प्रतिनिधि:- अमित वैधे, सालेकसा
गोंदिया:- समूचे देश में भारतीय संविधान की 75 वीं वर्षगांठ पर हीरक जयंती महोत्सव का कार्यक्रम शासकीय अर्ध्दशासकीय सामाजिक धार्मिक संस्थाओं के द्वारा अपने-अपने स्तर पर मनाया गया और 26 जनवरी 2025 को गणतंत्र दिवस की 75 वर्षगांठ संपन्न होगी। भारतीय संविधान के शिल्पकार परमपूज्य डॉ. बाबा साहब अंबेडकर जी के द्वारा रचित भारतीय संविधान को 26 नवंबर 1949 को तत्कालीन सरकार के द्वारा अंतिम रुप से स्वीकार किया गया और 26 नवंबर 2024 को भारतीय संविधान की 75 वर्षगांठ को केंद्र की सरकार एवं राज्य सरकार के द्वारा भारतीय संविधान की 75 वर्षगांठ को मनाने का निर्णय लिया गया है, किंतु शासकीय संस्थानों के द्वारा भारतीय संविधान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संपन्न नहीं कराया। अधिवक्ता अमीत सुरेश वैध क्षेत्र के नेता दरेकसा ने जारी बयान में कहा कि भारतीय संविधान की 75 वर्षगांठ पर लोकसभा एवं राज्य सभा पर चर्चा सत्र में लोकसभा एवं राज्य सभा के सांसद अपने-अपने तरीके से विचार व्यक्त कर रहे है। विपक्ष के द्वारा भारतीय संविधान के संदर्भ में विचार व्यक्त करने पर केंद्र की भाजपा सरकार गृह मंत्री अमित शाह को भारतीय संविधान के संदर्भ में अपने बेहतर विचार व्यक्त कर अपने गृह मंत्री जैसे जिम्मेदार पद की गरिमा को बनाए रखना था, किंतु राज्य सभा में अमित शाह के द्वारा चर्चा के दौरान इस तरह का कहना कि आज आंबेडकर, आंबडेकर फैशन हो गया है और आंबेडकर-आंबेडकर की जगह भगवान को नाम ले लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। इस तरह का बयान अमित शाह गृह मंत्री की मानसिकता को प्रदर्शित करता है कि उनका उक्त बयान उनके घटिया मानसिकता का परिचायक है।** अमित वैध युवा नेता सामाजिक कार्यकर्त्ता दरेकसा ने अमित शाह के उक्त बयान की घोर निंदा करते हुए कहा कि भारतीय संविधान की 75 वर्षगांठ में संपन्न चर्चा सत्र में अमित शाह का बयान भारतीय संविधान निर्माता परम पूज्य डॉ. बाबा साहब अंबेडकर के प्रति अपनी घटिया मानसिकता का परिचय दिया है और भाजपा की केंद्र की सरकार के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर किसी प्रकार की टिप्पणी ना करना इससे साबित होता है कि केंद्र की भाजपा की सरकार भारतीय संविधान की हीरक जयंती महोत्सव पर चर्चा सत्र एक मात्र दिखावा है। **अमित सुरेश वैध**ने कहा कि नासा ने अपने परीक्षण के दौरान चद्रंमा पर कदम रखें, किंतु स्वर्ग जाने का रास्ता की तलाश आज दिनांक तक किसी ने नहीं की है। अमित शाह भारत के निवासियों को बताए कि स्वर्ग जाने का रास्ता कहां से होकर जाता है और स्वर्ग कहा है **अमित वैध**ने कहा कि भारतीय संविधान के लागू होने के पश्चात ही भारतीय हिन्दु-मुस्लिम, बौद्ध सिख-ईसाई इन धर्मों में विभाजित समाज तथा विभिन्न वर्ग और विभिन्न जातियोंमें बंटा समाज का उत्थान भारतीय संविधान के लागू होने से ही संभव हुआ है। भारतीय संविधान भारतीयों के उत्थान का एक मात्र ग्रन्थ है। जो विभिन्न जातियों वर्गों धर्मो में बटे लोगों को एकता व अखंडता के सूत्र में बांधे रखा है। इतना ही नहीं भारतीय संविधान के तहत ही गृह मंत्री अमित शाह लोकसभा के प्रतिनिधि है और देश के गृह मंत्री है। यदि स्वर्ग जाने का रास्ता गृह मंत्री अमित शाह को मालूम है तो वह गृह मंत्री जैसे जिम्मेदार पद का त्याग पत्र देकर समूचे मंत्री मंडल सहित स्वर्ग के मार्ग की ओर प्रदत्त हो ताकि उनके स्वर्ग जाने के संबंध में समूचे भारतीयों को अवगत हो जाए कि प्रकृति में स्वर्ग कहा है कहा की प्रकृति में स्वर्ग होने का निश्चित प्रमाण न होने के बावजूद भी देश के गृह मंत्री का बयान शांतिव्यवस्था को भंग करने वाला बयान है जिसकी निंदा गोंदिया ज़िल्ले तालुका वहीं दूसरी ओर कांग्रेस सहित तमाम विपक्ष के सांसदों को आड़े हाथ लेते हुए अधिवक्ता **अमित सुरेश वैध**ने कहा की विपक्षी सांसद संसद में भारत को भारत शब्दों का उच्चारण न कर हिंदुस्तान हिंदुस्तान शब्दों प्रयोग कर विशेष सम्प्रदाय को अप्रत्यक्ष रूप से बढ़वा देने का दु: साहस करते नजर आते है। अधिवक्ता: अमित वैध ने कहा की परम् पूज्य डा बाबा साहब अम्बेडकर जी ने भारतीयों के लिए भारतीय संविधान की रचना की है। हिंदुस्तान के नाम से कोई संविधान निर्माता ने संविधान की रचना नहीं की, किंतु बीजेपी और कांग्रेस पार्टी के सांसद भारत शब्दों का उच्चारण संसद के दोनों सदनों में नहीं करते अधिकांश हिंदुस्तान शब्दों का प्रयोग करते है। विगत दिनांक को विपक्ष के तमाम सांसद संसद परिसर में हाथों में परम् पूज्य डा बाबा साहब अम्बेडकर जी की तस्वीरों के साथ नारेबाजी कर रहे थे, किंतु भारत शब्दों का प्रयोग न कर हिंदुस्तान हिंदुस्तान जैसे शब्दों का प्रयोग कर रहे थे। बीजेपी और कांग्रेस दोनों सहित पक्ष विपक्ष के अधिकांश सांसद संसद में संवैधानिक शब्द भारत का प्रयोग न कर हिंदुस्तान शब्दों प्रयोग करना भी भारतीय संविधान का अपमान करने जैसा लोकसभा अध्यक्ष को तमाम सांसदों को लिखित में निर्देश देना चाहिए की संसद सदस्य भारतीय संविधान की चर्चा के दौरान या किसी भी सत्र में भारत को भारत शब्दों का प्रयोग करे। अधिवक्ता अमित सुरेश वैध ने कहा कि भारतीय संविधान की 75वीं वर्षगांठ हीरक जयंती के इस दौर में भारत के लोकसभा राज्यसभा के सांसदों को भारत जैसे संवैधानिक शब्द का प्रयोग करते हुए कम नजर आते है। अधिकांश सांसद हिंदुस्तान हिंदुस्तान जैसे शब्दों का प्रयोग करते हैं जबकि संविधान निर्माता ने संविधान भारतीयों के लिए निर्माण किए हैं। हिंदुस्तान के लिए नहीं भारत एक सम्प्रदाय का नहीं है। यहां सभी धर्मो के लोग निवास करते हैं जो भारतीय है संविधान भारतीयों के लिए है।