
38 करोड़ की नल जल योजना भी नगरवासियों को दो वक्त, पर्याप्त पानी नहीं दे पा रही! बूंद बूंद पानी से घड़ा भरने मजबूर वार्ड 11 और 12 के निवासी।

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जिला प्रतिनिधि,
बालाघाट:- नगर पालिका बालाघाट की जल प्रदाय शाखा के कर्मचारियों की लापरवाही से वैनगंगा नदी के किनारे बसे, बालाघाट नगर में वार्डवासियों को पेयजल की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. एक-दो दिन नहीं बल्कि 8 दिनों से पेयजल की पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने से वार्डवासियों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है. 38 करोड़ की नल जल योजना भी नगरवासियों को दो वक्त, पर्याप्त पानी नहीं दे पा रही है. जल समस्या का ताजा मामला नगर के वार्ड नं. 11 और 12 का है. दोनों ही वार्डो में लोगों के घरो में लगे, नल से पानी, फोर्स से नहीं आ रहा है, जिसके चलते लोग, बूंद बूंद पानी से घड़ा भरने मजबूर है. लोगो का कहना है कि शिकायत के बाद भी कार्यवाही नहीं हो रही है.
पार्षद और वार्डवासियों ने पेयजल की समस्या को दूर करने और जल्द से जल्द पर्याप्त मात्रा में जल की आपूर्ति किए जाने की मांग की है. सत्ता पक्ष की पार्षद सरिता सोनेकर ने सत्ताधारी पार्षदों की भी नपा में सुनवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुए 3 सालों में नपा द्वारा उनके वार्ड में किसी भी प्रकार के विकास कार्य नहीं किए जाने की बात कही है. वहीं वार्ड 11 की पार्षद सरिता उईके ने बताया कि करीब 2 माह से वार्ड में पानी की समस्या बनी हुई है।जल प्रदाय शाखा प्रभारी को अवगत कराने के बाद भी व्यवस्था में कोई सुधार नहीं किया गया।बल्कि सुधार कार्य के नाम पर अब लोगो को पानी नहीं दिया जा रहा है। यहां तक कि कर्मचारी और प्रभारी फोन तक नहीं उठाते। शीघ्र ही समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वार्डवासियों के साथ आंदोलन किया जाएगा।
बुजुर्ग शंभूनाथ मारवे बताते है कि गर्मी का समय है लेकिन पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है. 8-10 दिनों से यह समस्या है. नगर पालिका वालों को समस्या बताएं पर उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया है. आज तो सिर्फ दो बाल्टी पानी मिला है. महिला सीमा उपलपवार बताती है कि कि करीब 8-10 दिनों से पानी की बहुत ज्यादा समस्या है. जब से पुरानी पाइपलाइन बंद हुई है तब से ही यह समस्या कुछ ज्यादा बढ़ गई है. पीने का पानी कहां से लाएं यह समझ नहीं आ रहा है. पार्षद सरिता सोनेकर का कहना है कि वार्ड में पानी की बहुत अधिक समस्या है. वार्ड के किसी भी मोहल्ले में पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है. लोग पीने के पानी के लिए परेशान हो रहे हैं. हम सत्ता पक्ष के पार्षद हैं फिर भी हमारी समस्या पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जलप्रदाय शाखा के प्रभारी भुमेश्वर शिव बताते है कि शिकायत मिलने पर निरीक्षण किया गया है. दो-तीन दिनों में सुधार कार्य कर लिया जाएगा.
यह थी योजना
नगर वासियों को 24 घंटे शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए लगभग 8 वर्ष पूर्व नगर में 38 करोड़ रुपए की लागत से जल आवर्धन योजना शुरू की गई थी. पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष रमेश रंगलानी के कार्यकाल से शुरू हुई यह योजना, नगरपालिका के दो भाजपा कार्यकाल और वर्तमान में नगरपालिका की नई सरकार के 2 साल का कार्यकाल पूरा करने के बावजूद भी अधूरी है. शासन ने शहरी क्षेत्र के लोगों को 24 घंटे पानी देने के लिए करोड़ों रुपए तो लगा दिए लेकिन करोड़ों रुपए फूकने के बाद भी योजना सफल नहीं हो सकी. जिसका नुकसान, जनता को उठाना पड़ रहा है. ताज्जुब तो यह है कि ठेकेदार, के योजना को लेकर देरी और लापरवाही को लेकर भी नगरपालिका मौन है.
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